वास्तुशास्त्र के अनुसार बाहरी दुनिया से घर लौटते समय हर कोई मुख्य द्वार से प्रवेश करता है। मुख्य द्वार घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है जो धन, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि, सद्भावना और समृद्धि को बढ़ाता है। इसलिए घर का मुख्य द्वार महत्वपूर्ण होता है। घरमें आने वाला व्यक्ति हमारी सुख-समृद्धि का अनुमान लगाता है। इसलिए मुख्य द्वार वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार होना चाहिए।

1. यदि मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में हो तो यह समृद्धि लाता है।

2. यदि प्रवेश द्वार पूर्व या पश्चिम दिशा में हो तो यह आपको सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

3. यदि मुख्य द्वार उत्तर या पश्चिम दिशा में हो तो यह आपको समृद्धि देता है और घर में रहने वाले सदस्यों की अध्यात्म में रुचि बढ़ाता है।

4. यदि मुख्य द्वार पूर्व दिशा में हो तो यह आपका विकास करता है और घर में रहने वाले लोगों को समृद्ध करता है।

5. यदि प्रवेश केवल पश्चिम दिशा में है तो यह आपको व्यापार में लाभ देगा, लेकिन लाभ अस्थायी होगा।

6. किसी भी परिस्थिति में प्रवेश द्वार दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए। इस दिशा में प्रवेश का अर्थ है कठिनाइयों का खुला निमंत्रण।

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