पहले के समय में डाइनिंग रूम को हमेशा अलग रखा जाता था। संयुक्त परिवार में सभी एक साथ बैठकर खाते थे। इसलिए विचारों का आदान-प्रदान होता था और सलाहसूचन लेते थे। यह उन दिनों एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता था क्योंकि भोजन कक्ष में बैठकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते थे, लेकिन आज जगह की कमी और संयुक्त परिवार की भावना की कमी के कारण लोग बैठना और खाना भूल गए हैं। वर्तमान में डाइनिंग रूम अलग से नहीं होता, बल्कि ड्राइंग रूम या किचन से लग के एक खुली जगह में होता है। ज़माने के हिसाबसे अनुकलता देखि जाए तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन अगर खाने की मेज को वास्तु के अनुसार व्यवस्थित किया जाए तो अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

 

डाइनिंग रूम / टेबल एरिया के लिए वास्तु टिप्स:

 

1. खाने की मेज आयताकार या चौकोर होनी चाहिए। इसे गोल रखने से कोई वार्ता सफल नहीं होती।

2. डाइनिंग टेबल को अर्धवृत्ताकार या अंडाकार न रखें। ऐसी मेज पर बैठने से अपच होने की संभावना रहती है।

अंडाकार डाइनिंग टेबल वास्तु टिप्स

3. पंचकोणीय या अष्टकोणीय आकार की डाइनिंग टेबल उत्तम मानी जाती है।

पंचकोणीय अष्टकोणीय आकार डाइनिंग टेबल वास्तु टिप्स

4. पूर्व या पश्चिम दिशा में डाइनिंग रूम, डाइनिंग टेबल या डाइनिंग की व्यवस्था बहुत ही बेहतरीन मानी जाती है।

5. पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से पाचन क्रिया बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है।

6. दक्षिणमुखी भोजन करने वालों को कब्ज, गैस या एसिडिटी होने की संभावना अधिक होती है।

7. डाइनिंग रूम का रंग सफेद या हरा रखें।

8. किचन को कभी भी नीचा और डाइनिंग रूम को ऊंचा न रखें।

9. भोजन कक्ष की दीवार पर फलों के चित्र लगाना। डाइनिंग टेबल के सामने शीशा न लगाएं।

स्रोत: संदेश